Mumbai Police says former CEO of BARC Partho Dasgupta was the mastermind of the scam |15 people arrested in the case so far | Fake TRP Case Latest News and Updates | BARC का पूर्व CEO था घोटाले का मास्टरमाइंड, कोर्ट ने 28 दिसंबर तक हिरासत में भेजा
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एक महीने पहले
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मुंबई पुलिस ने BARC के पूर्व CEO पार्थो दासगुप्ता (55) को गुरुवार को पुणे से गिरफ्तार किया था। शुक्रवार को उन्हें कोर्ट में पेश किया गया।
मुंबई पुलिस ने दावा किया है कि ब्रॉडकास्ट रिसर्च काउंसिल (BARC) का पूर्व CEO पार्थो दासगुप्ता टेलीविजन रेटिंग पॉइंट (TRP) फर्जीवाड़े का मास्टरमाइंड था। दास ने ही रिपब्लिक टीवी समेत कुछ चैनलों की TRP में हेरफेर की थी। इधर, रिपब्लिक टीवी ने एक बयान जारी कर कहा- पुलिस के आरोप हास्यास्पद हैं। इस जांच का मकसद रिपब्लिक टीवी को टारगेट करना था।
फर्जी TRP घोटाले में मुंबई पुलिस ने 55 साल के पार्थो को गुरुवार को पुणे से गिरफ्तार किया था। उन्हें शुक्रवार को कोर्ट में पेश किया गया। कोर्ट ने उन्हें 28 दिसंबर तक पुलिस हिरासत में भेज दिया। यह इस मामले में 15वीं गिरफ्तारी है। इससे पहले, मुंबई पुलिस की क्राइम इंटेलिजेंस यूनिट (CIU) ने BARC के पूर्व COO रमिल रामगढ़िया को गिरफ्तार किया था।
पुलिस ने 8 अक्टूबर को खुलासा किया था
मुंबई पुलिस ने 8 अक्टूबर को प्रेस कॉन्फ्रेंस करके फॉल्स TRP रैकेट का भंडाफोड़ करने का दावा किया था। रेटिंग एजेंसी BARC ने इस मामले में पुलिस को शिकायत कर कहा था कि कुछ टेलीविजन चैनल TRP में फर्जीवाड़ा कर रहे हैं। इन चैनलों की तरफ से TRP बढ़ाने के लिए कुछ घरों में रिश्वत देकर चुनिंदा चैनल चलवाए जा रहे थे।
BARC ने TRP पर रोक लगाई
मामला सामने आने के बाद, BARC ने टेलीविजन रेटिंग पॉइंट (TRP) पर अस्थायी रोक लगा दी थी। काउंसिल की तकनीकी कमेटी TRP जारी करने की पूरी प्रोसेस का रिव्यू करेगी और वेलिडेशन के बाद ही दोबारा इसे शुरू किया जाएगा।
BARC क्या है?
BARC (ब्रॉडकास्ट ऑडियंस रिसर्च काउंसिल) एक इंडस्ट्री बॉडी है, जिसे एडवर्टाइजर्स, एड एजेंसियां और ब्रॉडकास्टिंग कंपनियां चलाती हैं। इंडियन सोसायटी ऑफ एडवर्टाइजर्स, इंडियन ब्रॉडकास्टिंग फाउंडेशन और एडवर्टाइजिंग एजेंसी एसोसिएशन ऑफ इंडिया इसके संयुक्त मालिक है।
कैसे जुटाई जाती है TRP?
टेलीविजन चैनलों की व्यूअरशिप मापने के लिए चुनिंदा घरों से लिए गए डेटा का इस्तेमाल किया जाता है। इस डेटा से चैनलों को विज्ञापन जुटाने में मदद मिलती है।